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'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' '
(एक अध्यापिका देखती है कि '' का पुस्तकालय' मे ऐसी कोई रचनाएं हैं जो- अगर पुस्तकात्हय को अपने नाम के अनुरूप होना हो तो- वहां न होनी चाहिये वह कोई बार माताजी ले हसके बारे मे बात करती है यह
'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' के संघटन के विषय मे माताजी की सलाह :
सभी आधुनिक उपन्यास निकाल दिये जायें ।
केवल विद्वत्ता, तत्त्व दर्शन, कला और विज्ञानों की रचनाएं रखी जायें ।
सबसे अच्छा यह होगा कि पुस्तकों की सूची थोडी-थोडी लायी जाये, ताकि माताजी पुस्तकों की सामग्री जान सकें ।
यह महत्त्वपूर्ण बात हैं ।
(अध्यापिका माताजी से कि ''विद्वत्ता की रचनाओं'' ले उनका आशय क्या वे उत्तर देती
यह सब किताबें जिनका लक्ष्य हैं शिक्षा प्रदान करना ।
'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय ' का लक्ष्य हैं विधार्थियों को अच्छी फ्रेंच भाषा और श्रेष्ठ फ्रेंच विचार सिखाना ।
उसमें विशेष रूप से विद्वत्ता की रचनाएं होनी चाहिये, अर्थात् जिनका लक्ष्य हैं !
१शिक्षा-केंद्र' का अपना निजी पुस्तकालय । २माताजी के साथ वार्तालाप के बाद उसी अध्यापक की लिखी हुई टिप्पणी । यह टिप्पणी माताजी को पढ़कर सुनायी गयी थी, उन्होंने स्वीकृति लिखकर हस्ताक्षर कर दिये !
३०० शिक्षा प्रदान करना : तत्त्वदर्शन, कला, विज्ञान इत्यादि की पुस्तकें ।
उपन्यास बहुत कम होने चाहिये (विद्यार्थी बहुत हीं ज्यादा उपन्यास पढ़ते हैं) और आधुनिक उपन्यास नहीं होने चाहिये, जबतक कि वे विशेष रूप से अच्छे स्तर के न हों ।
'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' मे साहित्य का स्थान है ताकि विद्यार्थी यह सीख सकें कि साहित्य क्या चीज हैं ।
पुस्तकों के चुनाव में ध्यान देने लायक सबसे महत्त्वपूर्ण है भाषा का स्तर और उसकी शैली ', कोई ''भव्य' ' चीज जैसे क्कोबैर (लेखक) की । अनुवाद नहीं होने चाहिये, या बहुत ही कम, और वह मी प्रसिद्ध कृतियों के-हम ''उत्कृष्ट कलाकृति' ' नहीं कह सकते क्योंकि वे बहुत ही कम हैं!'
(चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' ले खराब किताबों को निकालने के विषय मे माताजी ने कहा हैं :)
उन्हें एक विशेष स्थान पर रखना चाहिये, एक विशेष कक्ष मे जिसका नाम हो ''खराब पुस्तकें ' ', ताकि जो लोग यह पढ़ना चाहते हों कि इन पुस्तकों में क्या पुस्तकों वे श सकें ।
जब तुम पुस्तकें मांगते हो तो तुम्हें बहुत सावधानी बरतनी चाहिये ।
'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' का सवाल महत्त्वपूर्ण सवाल है ।
'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' के लिये माताजी का संदेश:
'चुनी हुई पुस्तकों का पुस्तकालय' का कर्तव्य है अच्छी तरह फ्रेंच सिखाना । १- पुस्तकें अच्छी तरह लिखित होनी चाहिये । २-उन किताबों को प्राथमिकता दी जानी चाहिये जो शिक्षा की दृष्टि से रुचिकर हों । ३-उपन्यासों को तबतक प्रवेश न मिलना चाहिये जबतक वे असाधारण ढंग से लिखे हुए न हों । ४- अनुवाद बहुत कम हों-उन्हें केवल प्रसिद्ध किताबों तक हीं सीमित रखना चाहिये ।
१जब यह वाक्य पढ़ा जा रहा था तब माताजी ने विशेष रुचि दिखायी ।
२माताजी के साथ वार्तालाप के बाद उसी अध्यापक की लिखी हुई टिप्पणी । यह टिप्पणी माताजी को पढ़कर सुनायी गयी थीं, उन्होंने ''स्वीकृत' ' लिखकर हस्ताक्षर कर दिये।
५ ---बाकी सबको यह कहकर बड़े पुस्तकालय भेज देना चाहिये : ''कम प्रशंसनीय हैं'' । '
(१९७१)
(अध्यापिका माताजी को लिखी अपनी आगे उनके आये पढ़कर सुनाती है उसमें और चीजों के अतिरिक्त वह कहती है : .. मै समझती हू- कि 'हुए पुस्तकात्हय' की सामग्री को उसके अधिकतर अंश को बदत्हना और स्तर को कुछ उठाना समवन हैं! क्या आप यह बताने की कृपा कर सकती हैं कि आप इस विचार ले सहमत हैं श नहीं और मैं उसे चरितार्थ करने का प्रयास कर सकती हूं या नहीं? '' माताजी बल देकर कहती हैं :)
पूरी तरह, मै पूरी तरह सहमत हूं । यह अनिवार्य है । हम ऐसे स्तर तक उतर आये हैं! हर एक चीज मे! आह, मैं पूरी तरह सहमत हूं ।
(१९७२) (६)
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